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Friday, July 1, 2011
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Aao Phir Se Diya Jalaye : Atal Bihari Vajpayee
(no title)
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हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी, शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिल...
चंदन है इस देश की माटी
चंदन है इस देश की माटी , तपोभूमि हर ग्राम है , हर बाला देवी की प्रतिमा , बच्चा - बच्चा राम है । हर शरीर मंदिर - सा पावन , ...
माँ
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है। अभी ज़िंदा है माँ मेरी, मुझे कुछ भी नहीं होगा मैं घर से जब ...
झांसी की रानी
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को ...
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